Mutual Fund in Hindi | म्यूचुअल फंड

Mutual Fund in Hindi: Mutual fund (म्यूचुअल फंड) जिसे हमलोग हिन्दी में पारस्परिक निधि के नाम से जानते हैं। लेकिन इसका अंग्रेज़ी नाम सबसे लोकप्रिय है। पारस्परिक निधि को अंग्रेजी में Mutual Fund कहते है।

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है? (How Mutual Funds Work)

Mutual fund एक तरह का सामुहिक निवेश (investment) होता है। Mutual fund में निवेशकों के समूह मिल कर स्टॉक मार्केट, शॉर्ट टर्म, लॉन्ग टर्म अथवा अन्य प्रतिभूतियों (सिक्युरिटीज) मे निवेश करते है। Mutual fund का प्रबंधन के लिए एक fund manager होता है जो म्यूचुअल फंड को Manage (प्रबंधन) करता है। फंड मेनेजर ही है जो फंड के निवेशों को निर्धारित करता है और मुनाफा-नुकसान (profit-loss) का हिसाब रखता है। इस प्रकार हुए लाभ और हानि (profit-loss) को निवेशकों में बांट दिया जाता है।

भारत की सबसे पुरानी म्यूचुअल फंड कंपनी यूटीआई एएमसी है।

जिसे निवेशकों के समूह मिल कर स्टॉक मार्केट, अल्प अविधि के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों (सेक्यूरीटीज) मे निवेश करते है। यूटीआई एएमसी भारत की सबसे पुरानी म्यूचुअल फंड कंपनी है। Mutual fund मे एक fund manager (फंड प्रबंधक) होता है जो फंड के निवेशों को निर्धारित करता है और लाभ-हानि का हिसाब रखता है। इस तरह हुए फायदे-नुकसान को निवेशको मे बाँट दिया जाता है।

म्यूच्यूअल फंड्स के फायदे (Benefits of Mutual Fund in Hindi)

शेयर बाजार (स्टॉक मार्केट) की पर्याप्त जानकारी न होने पर भी निवेश की इच्छा रखने वालों के लिए एक सुलभ मार्ग म्यूचुअल फंड होता है। म्यूचुअल फंड संचालक कंपनी (AMC) सभी निवेशकों के निवेश राशि को लेकर इकट्ठे करती है और उनसे कुछ सुविधा शुल्क (Fee) भी लेती है। फिर इस राशि को उनके लिए बाजार में निवेश करती है। इनमें निवेश करने का फायदा यह है कि निवेशक (investor) को सोचने की जरूरत नहीं होती कि आप कब शेयर (Share) खरीदें या बेचें, क्योंकि यह काम फंड मैनेजर का होता है। वही निवेशक के निवेश का प्रबंधन करने वाला होता है। एक दूसरा फायदा ये भी है, कि छोटे निवेशक बहुत छोटी राशि जैसे 100रु. प्रतिमाह से निवेश कि शुरुआत कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें SIP (Systematic Investment Plan) प्लान लेना होता है। जिसमें बैंक से ये राशि मासिक (Monthly) सीधे फंड में स्थानांतरित (Transfer) होती रहती है।

Mutual Fund के share (शेयर) की कीमत NAV (Net asset value) कहलाती है। इसकी गणना के लिए Fund के Total Asset Value को निवेशको द्वारा खरीदे गए कुल शेयरो की संख्या से भाग दिया जाता है।

Mutual Fund in Hindi
Mutual Fund in Hindi

Types of Mutual Fund in Hindi | म्यूचुअल फंड के प्रकार

Mutual Fund (म्यूचुअल फंड) को हम दो भाग में बांट सकते हैं।

  • एसेट्स ( Asset Class) और
  • संरचना (structure) के आधार पर

एसेट्स ( Asset Class) के आधार पर म्यूचुअल फंड

इस तरह के म्यूचुअल फंड में किसी एक या एक से अधिक तरह की सम्पत्तियों में निवेश किया जाता है। मतलब जो पैसा आपने म्यूचुअल फंड में जमा किया है उसे किसी एक या एक से अधिक जगह पर निवेश किया जाता है।

एसेट क्लास ( Asset Class) के आधार पर भी म्यूचु्अल फंड को हम कई भाग में बांट सकते हैं-

डेट फंड (Debts Funds)

Debts Funds (डेट फंड) ऐसे फंड होते हैं जो एक निश्चित इनकम रिटर्न देते हैं। डेट फंड कमर्शियल ट्रेजरी बिल, paper, कॉर्पोरेट बांड्स और भी दूसरी कई मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं।

गिल्ट फंड (Gilt Fund)

Gilt Fund (गिल्ट फंड) अपना पैसा सिर्फ Government Securities (सरकारीप्रतिभूतियों) में ही निवेश करते हैं। सरकार को पैसा देने की वजह से इस प्रकार के डेब्ट फंड में जोखिम नहीं होता है।

लिक्विड फंड्स (Liquid Funds)

Liquid Funds (लिक्विड फंड) वे म्यूचुअल फंड होते हैं जो किसी भी समय रीडीम करवाए जा सकते हैं। Redemption (रिडेम्पशन) का आवेदन करने के 24 घंटे के अंदर पैसा आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है। Liquid Fund, Debts Fund की श्रेणी में सबसे कम लाभ देता है परंतु यह सुरक्षित भी अधिक होता है।

Liquid Funds में आप minimum (कम-से-कम) 3 दिन के लिए भी इन्वेस्ट कर सकते हैं। Liquid Funds जिन securities (प्रतिभूतियों) में निवेश करते हैं उनकी Maturity (परिपक्वता) 91वें दिन तक की होती है। Liquid Funds (लिक्विड फंड) Saving Account (बचत खाता) और Bank Fixed Deposite (बैंक सावधि जमा) का सबसे अच्छा विकल्प है।

इक्विटी फंड (Equity Funds)

Equity Fund (इक्विटी फंड), Mutual Fund (म्यूचुअल फंड) में सबसे लोकप्रिय फंड है। Equity Fund में लोग ज्यादा जोखिम (risk) लेकर ज्यादा लाभ (return) के लिए निवेश (invest) करते हैं। Equity Mutual Fund में Fund मैनेजर पूरा निवेश स्टॉक मार्केट में करता है।

Equity Fund (इक्विटी म्यूचुअल फंड) को large capital (बड़ी पूंजी), mid capital (मध्य पूंजी), multi capital (बहु पूंजी) और small capital (छोटी पूंजी) में बांटा गया है।

लार्ज कैप फंड्स (Large Cap Funds)

Large Cap Fund (लार्ज कैप फंड)- वे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो अपना पैसा large capital वाली कंपनी में लगाते हैं। large cap कंपनी पहले से अपनी ग्रोथ प्राप्त कर चुकी होती है। इसलिए यहां return कुछ कम मिलते हैं लेकिन return लगातार मिलता है। large cap फंड में स्माल एंड मिडकैप की जगह कम जोखिम होता है।

मिड कैप फंड्स (Mid Cap Funds)

Mid Cap Funds– मध्य पूंजी वाली कंपनी मध्यम श्रेणी की कंपनी होती हैं। ये वे कंपनियां होती हैं जो अपने कारोबार को स्थापित कर लिया है और अब तरक्की की ओर बढ़ रही हैं। Mid Cap Funds, Large Cap Funds की तुलना में ज्यादा लाभ देने की क्षमता रखते हैं।

स्मॉल कैप फंड्स (Small Cap Funds)

Small Cap Funds छोटी पूंजी वाली कंपनियां बाज़ार में नए कारोबार के साथ अपने-आप को स्थापित करने का प्रयास करती हैं। इनमें लाभ अच्छा मिलता है लेकिन उसी हिसाब से जोखिम भी अधिक होता है।

मल्टी कैप फंड्स (Multi Cap Funds)

Multi Cap Funds, म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए यह श्रेणी बहुत ही लोकप्रिय है। इस फंड में लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में एक तय अनुपात (Ratio) में निवेश किया जाता है।

Note- इन सभी के अलावा Flexi Cap Funds (फ्लैक्सी कैप फंड्स), (ELSS) इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम और हाईब्रिड फंड्स (Hybrid Funds) इत्यादि भी होते हैं।

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